गोरखपुर में हो रही लगातार हत्याएं और मिल रही लावारिस लाशों से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, हत्यारों ने इस शहर को लाशों को सबसे सेफ डंपिंग यार्ड बना रखा है। जोकि कहीं से भी हत्या कर किसी की लाश यहां लाकर ठिकाने लगा रहे हैं। शायद यही वजह है कि लगातार मिल रही अज्ञात लाशों में अधिकांश की पहचान कर पाना भी पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है।
अभी 29 अप्रैल को सिकरीगंज इलाके के जद्दूपट्टी में नवजात बच्चे की कटी गर्दन तो मिली, लेकिन अब तक न ही उसकी पहचान हो सकी और न ही इसके शरीर के बाकी का धड़ ही मिला है। उसकी पहचान को एक व्यक्ति आया था, जिसने कटा सिर अपने बेटे का बताया था। मगर, थाने पर उसकी लापता पत्नी अपने बच्चे के साथ पहुंच गई और कहा कि वे लोग जिंदा हैं।
अब फिर पुलिस के सामने यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि आखिर वह मासूम कौन था? मामले में पुलिस बाहर के जनपदों की पुलिस से संपर्क में है। यूं कहा जा सकता है कि गोरखपुर लाशों का डंपिंग यार्ड बन गया है। हां, इतना जरूर है कि तीन दिन बाद पुलिस अज्ञात में पोस्टमार्टम कराकर मौत की वजह जरूर पता चल जाती है
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पेंडिंग हैं कई हत्याओं के खुलासे
शिनाख्त न होने के नाते गोरखपुर में कई महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की हत्या का खुलासा होना पेंडिंग है। अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर खुले आम घूम रहे हैं। पुलिस का कहना है कि स्थानीय मृतकों की शिनाख्त हो जाती है। उनका पर्दाफाश भी हो जाता है और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है। स्थानीय शवों को अंदरूनी सड़कों के किनारे, खेत में या झाड़ियों में फेंका जाता है, जहां बाहरी लोग जानकारी नहीं होने की वजह से नहीं पहुंचते हैं।
ज्यादातर बाहरी लोग डेड बॉडी को हाइवे के किनारे, फोरलेन के किनारे, नदियों में फेंक देते हैं। पुलिस आंकड़ों के अनुसार, हर तीसरे दिन गोरखपुर में औसतन एक डेडबॉडी मिलती है। इनमें से कई की पहचान हो जाती है और कई की नहीं हो पाती हैं। एसएसपी डॉ. विपिन तांडा ने बताया कि अज्ञात शवों की पहचान और हत्याओं के खुलासे के लिए पुलिस की टीमें लगी हैं। जल्द ही पहचान कर हत्यारोपियों को सलाखों के पीछे भिजवाया जाएगा।
पिछले तीन साल में जिले में मिली 288 लाशें
पिछले तीन साल में गोरखपुर जिले में 288 लोगों की हत्या हुईं। कुछ की पहचान हुई, कुछ की नहीं हो पाई। वर्ष 20109 में 104, 2020 में 96 और 2021 में 88 हत्याएं हुईं। वहीं, गोरखपुर रेंज के चार जिलों में कुल 542 लोगों की हत्याकर लाशें फेंकी गईं।
गोरखपुर में हर साल मिली अज्ञात लाशें
2022 | 26 (30 अप्रैल तक) |
2021 | 149 |
2020 | 126 |
2019 | 176 |
गोरखपुर में हर साल हो रही हत्याएं
2022 | 23 (30 अप्रैल तक) |
2021 | 88 |
2020 | 96 |
2019 | 104 |
इन बड़े मामलों में मृतकों की नहीं हो सकी शिनाख्त
- 29 अप्रैल 2022 को सिकरीगंज इलाके में सड़क किनारे मासूम बच्चे का कटा हुआ सिर मिला। पुलिस अभी तक धड़ बरामद नहीं कर सकी है। उसकी पहचान को एक व्यक्ति आया था, जिसने कटा सिर अपने बेटे का बताया था। मगर, थाने पर उसकी लापता पत्नी अपने बच्चे के साथ पहुंच गई और कहा कि वे लोग जिंदा हैं। अब फिर पुलिस उसकी पहचान में जुट गई है।
- 29 अप्रैल 2022 को खोराबार के कुसम्ही जंगल में बुढ़िया माता मंदिर के पास महिला का शव मिला। शव को जानवरों ने नोंच डाला था। शव के पास पुलिस को कोल्ड ड्रिंक की दो बोतलें मिली थीं। पुलिस का कहना है कि उसकी हत्या कर शव यहां लाकर फेंका गया था।
- 24 अप्रैल 2022 को झंगहा के गोबड़ौर चौकी क्षेत्र में राप्ती नदी में से एक लड़की और एक लड़के का शव मिला था। दोनों के हाथ एक-दूसरे से बंधे थे। पुलिस ने दोनों के प्रेमी युगल होने की आशंका जताई थी। दोनों की पहचान के लिए 10 हजार के इनाम की घोषणा की गई थी।
- 8 फरवरी 2022 को झंगहा के भगने बंधे के पास चादर में लपेटकर बोरे में भरकर फेंकी गई 22 वर्षीय युवती का शव मिला था। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। पुलिस ने पहचान के लिए फोटो जारीकर 10 हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
- 7 जनवरी 2021 को गोला के चंदौली गांव के पास बोरे में 30 वर्षीय महिला की लाश मिली।
- 14 अगस्त 2021 को खोराबार में फोरलेन किनारे युवती का शव मिला।
- 14 अगस्त 2021 को कैंट के आंबेडकर नगर चौराहे के पास युवक का शव मिला।
- 15 अगस्त 2021 को रामगढ़ताल में नौकायन के पास युवती का शव मिला।
- 4 जून 2020 को सहजनवां में युवती की हत्या कर फेंकी गई डेडबॉडी मिली।
- 20 नवंबर 2020 को पिपराइच के जंगल छत्रधारी में महिला का मर्डर कर फेंका गया शव मिला।
- 4 जुलाई 2020 को चौरीचौरा में महिला की लाश मिली।
- 31 जुलाई 2020 को गीडा के नौसड़ के पास राप्ती नदी में युवती की लाश मिली।
- 22 जुलाई 2020 को गुलरिहा के रोहिन नदी में युवती का शव मिला।
- 13 दिसंबर 2020 को गोला इलाके में एक महिला की जली हुई लाश मिली थी।
- 18 अक्तूबर 2019 को कोतवाली में दीवान बाजार में ईंट से कूंचकर युवक की हत्या की गई लाश मिली।
- 21 सितंबर 2019 को सहजनवां के कसरवल के पास युवती की लाश मिली। गला दबाकर हत्या की गई थी।
- 31 जनवरी 2017 को खोराबार के बहरामपुर फोरलेन के पास एक 30 वर्षीय युवती का शव बरामद हुआ। उसे 12 गोलियां मारी गई थीं। शुरूआत में बेलीपार के एक परिवार ने उसकी पहचान अपनी बेटी के रूप में की लेकिन बाद में उसकी लापता बेटी दिल्ली से घर आ गई। सवाल फिर वही है कि वह युवती कौन है?
इनकी हुई पहचान लेकिन फिर भी हत्यारोपी नहीं पकड़े गए
- 6 अप्रैल 2022 को बांसगांव के बहोरवा में 6 साल के गोलू की हत्याकर शव घर के पास ही झाड़ी में फेंक दिया गया था। तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या की आशंका जताई गई थी, लेकिन पुलिस आज तक हत्यारोपियों को पकड़ नहीं पाई।
- 22 अगस्त 2019 को मेडिकल स्टोर संचालक रंजीत की घर में ही सोने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के समय उनके भाई संजीव बगल के कमरे में सो रहा था। उसने अपने पिता राधेश्याम, चाचा रंभू और बब्लू पर हत्या करने का शक जताया था। पुलिस ने मुकदमे में तीनों को नामजद आरोपी बनाया। हत्यारे अभी भी पकड़ से बाहर हैं।
- 14 नवंबर 2019 को खोराबार के मदरहवा टोला निवासी प्रॉपर्टी डीलर बलराम यादव की हत्या रामनगर कड़जहां में रहने वाली नर्स आकृति दुबे के घर के सामने की गई थी। प्रेमिका नर्स आकृति दुबे और उसकी मां शालिनी पर हत्या का केस दर्ज हुआ। आरोपी पुलिस की पकड़ से अब भी बाहर हैं।
- 4 नवंबर 2018 को राजघाट के पांडेयहाता में रहने वाले रिटायर शिक्षक शैल कुमार पांडेय की बेटी रश्मि (35) की घर में ही गला रेतकर हत्या की गई थी। अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज हुआ था, लेकिन आरोपी अभी भी फरार हैं।
- 29 सितंबर 2015 को शाहपुर इलाके के अशोकनगर में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के रीजनल मैनेजर 50 वर्षीय दीनानाथ यादव की कार पर गोली बरसाकर हत्या कर दी गई। आज तक हत्यारे पकड़ से बाहर हैं।
- 12 अक्टूबर 2015 को उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास सचिव रहे रिटायर्ड स्व. कैलाश पति सिंह की 80 वर्षीय पत्नी शांति देवी की कैंट इलाके के दाउदपुर स्थित घर में ही हत्या कर दी गई थी। आज तक पुलिस हत्या का पर्दाफाश नहीं कर पाई।
- 11 जनवरी 2011 को धर्मशाला के रामलीला कमेटी के महामंत्री कक्कू यादव की घर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के समय घरवाले घर में ही थे। पुलिस पर्दाफाश नहीं कर पाई।
- 9 नवंबर 2011 को धर्मशाला रामलीला कमेटी के महामंत्री हरिमोहन शर्मा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। मगर, पुलिस आरोपी को नहीं पकड़ पाई।